Wednesday, 11 July 2018

स्कुल फी के मामले मे गुजरात के नीजी स्कुल संचालको को सुप्रिम कोर्ट की फटकार



तसवीरः https://en.wikipedia.org

दो सप्ताह में फी का प्रस्ताव पेश करनेका दिया आदेश
अहमदाबादः
गुजरात में प्राईवेट स्कुल संचालको के मनमानी और स्कुल फी के उपर नियंत्रण लाने के लिए गुजरात सरकारने पीछले वर्ष एक नोटीफिकेशन जारी किया था। जीसे प्राईवेट स्कुल संचालको ने मानने से ईंकार कर दिया और वह केस अब सुप्रिम कोर्ट की दहलीज पर है। सुप्रिम कोर्टने रुटीन सुनवाई के दौरान गुजरातकी सभी प्राईवेट स्कुलो से फी का प्रस्ताव मंगाया था। सुप्रिम कोर्टकी इस मांग को भी कुछ दबंग स्कुल संचालकोने जैसे अनसुना कर दिया। लगभग 1863 स्कुलोने अभी तक उनकी तरफ से फी का प्रस्ताव सुप्रिम कोर्ट को भेजा ही नहीं।
Image: The Economic Time 


अब ईसी बात को लेकर सुप्रिम कोर्ट खासी नाराज़गी दर्शाते हुए नीजी स्कुल संचालको को भारी शक्दो से लताडा।
सुप्रिम ने अगले दो हप्तो के भीतर उनकी तरफ से फी का प्रस्ताव पेश करने का आदेश जारी कर दिया है। अगर वह प्रस्ताव देने में असफल हुए तो उनके खिलाफ कारवाई भी हो सकती है।

राज्य की कुल 16000 स्कुल में से 1863 स्कुलोंने सुप्रिम को फी का प्रस्ताव भेजा नहीं है। अब गुजरात सरकार उन तमाम स्कुलों को पत्र लिखकर उनसे यह जानकारी देगी। राज्य सरकार उनसे जरुरी और गैर जरुरी फी के बारेमे भी जानकारी मांग सकती है।

सुप्रिमने अभ्यासक्रम के अतिरिक्त कीसी भी प्रकार की फी का अनिवार्य होना या ना होना भी तय करने के निर्देश दिये है। अभ्यास के अतिरिक्त फी के अंतर्गत घुडसवारी, कराटे, स्वीमींग और ट्रान्सपोर्ट जैसे नाम पर निजी स्कुल संचालक अभिभावक की जेब से खुब पैसा निकलवाते है। सुप्रिम अब ईस मामले की अगली सुनवाई एक महिने बाद करेगी।